भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 1 जनवरी 2025 से सिबिल स्कोर (CIBIL Score) से संबंधित महत्वपूर्ण नियम लागू किए हैं, जो उधारकर्ताओं के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इन नए दिशानिर्देशों का उद्देश्य क्रेडिट रिपोर्टिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाना है, जिससे उधारकर्ताओं को अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार करने में सहायता मिलेगी।
सिबिल स्कोर क्या है?
सिबिल स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है, जो 300 से 900 के बीच होती है। यह आपके क्रेडिट इतिहास और वित्तीय व्यवहार को दर्शाती है। उच्च सिबिल स्कोर (750 या उससे अधिक) यह संकेत देता है कि आप एक जिम्मेदार उधारकर्ता हैं, जिससे लोन आवेदन के समय स्वीकृति की संभावना बढ़ जाती है।
आरबीआई के नए नियम और उनका प्रभाव
- 15 दिनों में क्रेडिट स्कोर अपडेट: पहले क्रेडिट स्कोर महीने में एक बार अपडेट होता था, लेकिन नए नियमों के तहत यह प्रक्रिया अब हर 15 दिन में होगी। इससे उधारकर्ताओं को अपने क्रेडिट स्कोर में होने वाले परिवर्तनों की ताज़ा जानकारी मिल सकेगी, जिससे वे समय रहते सुधारात्मक कदम उठा सकते हैं।
- क्रेडिट रिपोर्ट चेक की सूचना: जब भी कोई बैंक या वित्तीय संस्था आपके क्रेडिट स्कोर की जांच करेगी, तो आपको एसएमएस या ईमेल के माध्यम से इसकी सूचना देना अनिवार्य होगा। यह कदम पारदर्शिता बढ़ाएगा और आपको अपने क्रेडिट स्कोर की निगरानी में मदद करेगा।
- लोन आवेदन अस्वीकृति का कारण बताना: यदि आपका लोन आवेदन अस्वीकृत होता है, तो बैंक या वित्तीय संस्था को आपको अस्वीकृति के कारण बताना आवश्यक होगा। इससे आप अपनी वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन कर सुधारात्मक कदम उठा सकते हैं।
- वार्षिक मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट: क्रेडिट कंपनियों को अपने ग्राहकों को प्रति वर्ष एक बार मुफ्त में पूर्ण क्रेडिट रिपोर्ट प्रदान करनी होगी। यह सुविधा आपको अपनी क्रेडिट स्थिति का मूल्यांकन करने और आवश्यक सुधार करने में सहायता करेगी।
- डिफॉल्ट से पूर्व सूचना: यदि आप लोन भुगतान में डिफॉल्ट करने वाले हैं, तो बैंक या वित्तीय संस्था को आपको सूचित करना आवश्यक होगा। यह कदम आपको समय रहते भुगतान करने और अपने क्रेडिट स्कोर को प्रभावित होने से बचाने में मदद करेगा।
- शिकायतों का त्वरित समाधान: क्रेडिट संबंधित शिकायतों का समाधान अब 30 दिनों के भीतर करना अनिवार्य होगा। समयसीमा का उल्लंघन करने पर प्रतिदिन 100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, जिससे ग्राहकों को त्वरित और प्रभावी समाधान मिलेगा।
सिबिल स्कोर सुधारने के सुझाव
- समय पर भुगतान करें: अपने सभी क्रेडिट कार्ड और लोन की किस्तों का समय पर भुगतान करें।
- क्रेडिट उपयोग कम रखें: उपलब्ध क्रेडिट लिमिट का कम से कम उपयोग करें।
- विविध क्रेडिट मिक्स रखें: होम लोन, क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन का संतुलित मिश्रण रखें।
- नए क्रेडिट के लिए आवेदन से बचें: अत्यधिक क्रेडिट आवेदन से बचें, क्योंकि इससे क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
निष्कर्ष
आरबीआई द्वारा लागू किए गए ये नए नियम क्रेडिट रिपोर्टिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं। उधारकर्ताओं को इन परिवर्तनों के माध्यम से अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार करने और वित्तीय निर्णयों में बेहतर जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। अपने क्रेडिट स्कोर की नियमित निगरानी और जिम्मेदार वित्तीय व्यवहार के माध्यम से आप भविष्य में बेहतर लोन प्रस्तावों और वित्तीय अवसरों का लाभ उठा सकते हैं।