Maiya Samman Yojana: झारखंड की मंईयां सम्मान योजना (Maiya Samman Yojana) को लेकर महिलाओं में असंतोष बढ़ता जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य हर महिला को प्रतिमाह 2500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करना है, लेकिन कई महीनों से लाभार्थी महिलाओं को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।

साहिबगंज जिले के कबूतरखोपी गांव की दर्जनों महिलाएं बीडीओ कार्यालय के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही है। अब सवाल उठ रहा है कि जब योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा तो इसे क्यों नहीं बंद कर दिया जाता?
Maiya Samman Yojana: महिला लाभार्थियों का संघर्ष
कबूतरखोपी गांव की महिलाएं, जैसे कि किरण देवी, मिनती देवी और बबली देवी, मंईयां सम्मान योजना के तहत सरकार से मिलने वाली सहायता के लिए बार-बार प्रखंड कार्यालय का दौरा कर चुकी हैं। किरण देवी ने बताया कि उन्होंने 12 अगस्त 2024 को आवेदन किया था और उन्हें इसकी प्राप्ति रसीद भी प्राप्त हुई थी, लेकिन छह महीने बीत जाने के बावजूद अब तक एक भी माह की राशि उन्हें नहीं मिली।
इस योजना के तहत सरकार महिला लाभार्थियों को हर माह 2500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करती है, लेकिन इन महिलाओं का कहना है कि उन्हें इसका कोई लाभ नहीं मिला। कई बार प्रखंड कार्यालय के चक्कर काटने के बावजूद किसी अधिकारी से कोई उचित आश्वासन नहीं मिला। यह स्थिति उन्हें मानसिक और आर्थिक परेशानी में डाल चुकी है, क्योंकि उन्हें बार-बार प्रखंड कार्यालय आना-जाना पड़ता है, जिससे उनका समय और पैसा दोनों की बर्बादी हो रही है।
BEO की कार्रवाई और योजनाओं में देरी
इसी बीच, गोड्डा के प्रखंड सभागार में आयोजित एक बैठक में बीडीओ सह सीओ अभिनव कुमार ने मंईयां सम्मान योजना के सत्यापन कार्य की प्रगति पर नाराजगी जताई। उन्होंने सत्यापन कार्य में देरी पर कड़ी फटकार लगाई और अधिकारियों को इस पर तेजी लाने का निर्देश दिया। बीडीओ ने कहा कि योजना का सत्यापन कार्य जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए ताकि लाभार्थियों को समय पर सहायता मिल सके। इसके लिए पंचायत सचिव को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि वह सत्यापन के दौरान केवल आवश्यक दस्तावेज़ जैसे राशन कार्ड, वोटर आईडी, आधार कार्ड और निवासी प्रमाण पत्र की जांच करें।
इसके साथ ही, उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि आंगनबाड़ी सेविका केवल पहचान कराने का कार्य करें, और दस्तावेज़ नहीं जमा कराएं। पंचायत सचिव को ही सत्यापन का जिम्मा सौंपा गया है।
क्या है समाधान?
मंईयां सम्मान योजना को लेकर महिलाएं अब सरकार से इसकी बंदी की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि जब योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है तो इसे बंद कर दिया जाना चाहिए। हालांकि, बीडीओ की बैठक में इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा की गई है, और अधिकारियों से सत्यापन कार्य को शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।